CORN
फुट कॉर्न (गोखरू)
फुट कॉर्न (गोखरू)
फुट कार्न, त्वचा की एक मोटी परत होती है, जो घर्षण, रगड़ और दबाव के कारण प्रतिक्रिया करके त्वचा में (खासकर पैरों के तलवे में) उत्पन्न होने लगती हैं। कार्न के कारण चलने पर दर्द होता है।
काॅर्न्स अक्सर छोटे छोटे, परतदार गोल चक्र के आकार के होते हैं, जो आम तौर पर पैरों की उंगलियों के ऊपर, बराबर में या तलवे पर विकसित होते हैं। लेकिन ये कहीं भी विकसित हो सकते हैं। फुट कार्न अक्सर दुबले पतले लोगों के पैरों में होते हैं, क्योंकि उनकी त्वचा में चर्बी (गद्दापन) की कमी होती है।
इसके साथ ही जो लोग सही फिटिंग के जूते नहीं पहनते हैं या जिनके पैरों में पसीना आता है या वो लोग जो दिन में ज्यादातर समय खड़े रहते हैं, उन लोगों में यह समस्या काफी आम होती हैं। फुट कार्न पुरूषों की तुलना में महिलाओं को ज्यादा होता है ।
फैशन के चक्कर में आकर्षक दिखने के लिए तरह तरह के फुटवियर्स (जूते चप्पल) का चलन बढ़ गया है। आज हर कोई नए ट्रेंड के अनुसार चलना चाहता है। कई बार बाजार में नए फैशन वाले फुटवियर आरामदायक नहीं होते हैं, इसके बावजूद लोग उन्हें पहनते हैं और फुटकार्न (गोखरू) जैसी समस्या से जूझते रहते हैं।
फुट कॉर्न के निम्न प्रकार होते हैं -
- एक कठोर फुट कार्न एक छोटे और गोल धब्बे की तरह होता है, यह बेजान त्वचा से बनता है जिसके बीच में एक छोटा और कठोर डॉट (निशान) बना होता है।
- एक मुलायम कार्न की सतह काफी पतली होती है, यह सफेद और रबड़ जैसा दिखाई देता है और आम तौर पर पैरों की उंगलियों के बीच होता है।
- सीड कोर्न छोटे छोटे एक जैसे कई कॉर्न्स का समूह होता है। अगर ये पैर के उस हिस्से पर हो जाते हैं जहां शरीर का वजन पूरा पड़ता है तो ऐसी जगहों पर हुए कॉर्न को केवल छूने से भी दर्द अनुभव हो सकता है। ऐसा पसीने की नलिकाएं रुकने के कारण होता है।
फुट कॉर्न (गोखरू) के लक्षण -
पैर के अंगूठे पर उभरी हुई गांठ होना और उसके आसपास सूजन तथा लालिमा दिखना, चलते समय कठिनाई होना, गोल धब्बे वाली जगह के स्थान पर त्वचा में दर्द होना, त्वचा पर सूखी मोम जैसी परत का उभरना। यह सभी फुट कॉर्न के लक्षण हो सकते हैं। फुट कॉर्न एक व्यक्ति को ऐसा महसूस करवा सकता है, जैसे कि वह पत्थरों पर चल रहा हो। नीचे दिए गए लक्षण व संकेत फुट कॉर्न का संकेत दे सकते हैं
- एक कठोर तथा ऊपर की तरफ उठा हुआ बंप (गांठ आदि),
- प्रभावित त्वचा खुरदरी तथा मोटी होना,
- त्वचा पर सूखी या मोम जैसी परत बनना,
- त्वचा के अंदर दर्द या छूने पर दर्द महसूस होना,
- चलने या अन्य गतिविधियां करते समय दर्द महसूस होना ।